उत्तराखंड की 620 औद्योगिक इकाइयां अपात्र घोषित, प्रदेश की आर्थिकी पर पड़ेगा कितना असर, पढ़ें ये खास रिपोर्ट

उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने की लगातार कोशिश कर रही है। ताकि पहाड़ से लेकर मैदान तक जो बेरोजगारी है उसे कम किया जा सके। जो पलायन के कारण पहाड़ खाली हो रहे हैं उन्हें रोका जा सके। लेकिन इसी बीच केंद्र सरकार द्वारा राज्य में स्थापित 620 औद्योगिक इकाइयों को अपात्र घोषित कर दिया गया है। इस कदम से उत्तराखंड की आर्थिकी को कितना फर्क पड़ेगा इस खास रिपोर्ट में जानें।

620 औद्योगिक इकाईयों को केंद्र सरकार से बड़ा झटका

Read More

केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड की 620 औद्योगिक इकाईयों को बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड की 620 औद्योगिक इकाईयों को सब्सिडी का लाभ पाने के लिए अपात्र घोषित किया है। जिसकी वजह रजिस्ट्रेशन और अन्य तकनीकी कारणों को बताया गया है। इन औद्योगिक इकाईयों इलाकइयों को सब्सिडी का लाभ ना मिलने से इनके सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। केंद्र सरकार से इस समस्या का सामाधान निकालने की मांग डस्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारी कर रहे हैं।

निवेश को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई थी औद्योगिक विकास स्कीम 2017

आपको बता दें कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय द्वारा औद्योगिक विकास स्कीम 2017 को लागू किया था। इस स्कीम के लागू होने के बाद से दोनों राज्यों में कई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई। इस योजना के तहत सरकार द्वारा 714 इकाइयों को सब्सिडी का लाभ भी दिया गया। लेकिन हाल में जानकारी सामने आई है कि विभिन्न तकनीकी कारणों से उत्तराखंड की 620 औद्योगिक इकाइयों को अपात्र घोषित कर दिया गया है।

सब्सिडी को ध्यान में रखकर ही उत्तराखंड में किया था निवेश

620 औद्योगिक इकाइयों को अपात्र घोषित होने के बाद इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि उन्होंने बहुत से उद्योगों ने सब्सिडी को ध्यान में रखते हुए ही उत्तराखंड में निवेश किया था। उन्होंने कहा कि 20 ऐसे उद्योग है जिनके द्वारा रजिस्ट्रेशन तो किया गया था। लेकिन टेक्निकल कमी के चलते उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। रजिस्ट्रेशन ना होने के कारण उन्हें अब सब्सिडी नहीं मिलेगी। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद से वो बेहद निराश हैं। उन्होंने सीएम धामी से गुहार लगाई है कि वो इस बारे में भारत सरकार में उद्योग मंत्री से बात करें और कोई समाधान निकालें।

विपक्ष भी अब इसको लेकर उठा रहा सवाल

उत्तराखंड में बेरोजगारी और पलायन सबसे बड़ी समस्या है। जिसे दूर करने के लिए प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन 620 औद्योगिक इकाईयों की सब्सिडी रूकने ये इन औद्योगिक इकाईयों के भविष्य के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।

विपक्ष भी अब इसको लेकर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश संगठन उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि 3:30 लाख करोड़ का निवेश लाने की बातें करने वाली सरकार की ये उपलब्धि है। मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि 620 का जो आंकड़ा है ये सरकारी आंकड़ा है। असल में देखें तो करीब हजार से 1200 छोटे बड़े उद्योग बंद होने की कगार पर हैं। इन उद्योगों के बंद होने से उत्तराखंड में बेरोजगारी दर और भी अधिक बढ़ेगी। पलायन भी और भी ज्यादा होगा लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

सत्तापक्ष हर संभव मदद करने की कर रहा बात

जहां विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरता हुआ नजर आ रहा है। तो वहीं सत्तापक्ष हर संभव मदद प्रदान करने की बात कर रहा है। भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता सुनीता विद्यार्थी का कहना है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी की सरकार प्रदेश में लगातार उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। अभी जिन उद्योगों इकाइयों की मानक पूरे नहीं थे अभी उन्हीं की सब्सिडी रोकी गई है। लेकिन आगे सरकार इस बारे में कुछ ना कुछ जरूर सोचेगी। उन्होंने कांग्रेस पर भी पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस हर चीज में सिर्फ गलत की खोजती है।

Source link

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *