चाकू के हमले में युवक की मौत, ग्रामीणों ने किया कोतवाली का घेराव

रूड़की में बदमाशों द्वारा चाकुओं से किए गए हमले में घायल युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई. वहीं युवक की मौत की जानकारी मिलने पर गुस्साए ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव कर दिया. इसके साथ ही पुलिस पर हत्या के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है. भीड़ को बढ़ता देख आसपास के थानों की पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा.

ये है पूरा मामला

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आपको बता दें कि रूड़की के माधोपुर गांव के तालाब में डूबने से वसीम की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था. एक बार फिर माधोपुर गांव में आक्रोश पैदा हो गया. रूड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव का रहने वाला 19 वर्षीय अंकित कुमार गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के सुनहरा गांव में श्रेया पैथोलॉजी लेब पर काम करता था.

बीती 4 अगस्त की देर शाम अंकित छुट्टी के बाद अपने गांव माधोपुर जा रहा था जैसे ही वह गांव के पास बने अंडरपास पर पहुंचा तो पहले से घात लगाए बैठे करीब आधा दर्जन बदमाशों ने उसे रोक लिया और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी. इसके बाद बदमाशों ने उसके ऊपर चाकू से हमला कर दिया. इसी दौरान गांव का ही पंकित कुमार नामक एक युवक जो फाइनेंस का काम करता है वह अपने घर वापस लौट रहा था.

युवक ने देखा कि अंकित के साथ कुछ लोग मारपीट कर रहे हैं पंकित जैसे ही बीच बचाव करने के लिए बीच में घुसा तो बदमाशों ने उसके ऊपर भी चाकू से हमला कर दिया और मौके से फरार हो गए. इसके बाद घायल अवस्था में उन्होंने अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी. घटना की जानकारी मिलते ही उनके परिजन और ग्रामीण आनन-फानन में मौके पर पहुंचे और दोनों घायलों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया.

बीच बचाव करने गए युवक की मौत

घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी अस्पताल पहुंची और घटना के बारे में जानकारी जुटाई. इसके बाद दोनों घायलों को रूड़की के सिविल अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया. जहां से पंकित की हालत को गंभीर देख हायर सेंटर एम्स हॉस्पिटल के रेफर कर दिया. पंकित की बीती रविवार को उपचार के दौरान मौत हो गई.

ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रही पुलिस

युवक की मौत की खबर गांव में पहुंची तो सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव कर धरना देकर कोतवाली में बैठ गए. वहीं ग्रामीणों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए आसपास के थानों की पुलिस भी गंगनहर कोतवाली में बुलानी पड़ी. ग्रामीणों ने पुलिस पर दो महीने से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. हालांकि फिलहाल पुलिस धरनास्थल पर बैठे गुस्साए ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रही है.

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