देहरादून:
औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई स्थित हब फार्मास्यूटिकल एंड रिसर्च सेंटर में बुधवार दोपहर करीब दो बजे एक बड़ा हादसा हुआ। एलपीजी गैस के रिसाव के कारण फैक्ट्री में आग लग गई, जिससे 11 कर्मचारी आग की चपेट में आ गए। आग फैलते ही अफरा-तफरी मच गई और कर्मचारियों में भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई।
फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों ने जैसे-तैसे बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान कुछ कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए। घटनास्थल पर पहुंचे अग्निशमनकर्मियों ने घायलों को बाहर निकाला और उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल भेजा।
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अग्निशमन विभाग के मुताबिक, फैक्ट्री में एलपीजी गैस प्यूरीफिकेशन और चेंबर सिस्टम के जरिए आपूर्ति की जाती है। बुधवार को इस सिस्टम में अचानक लीकेज हुआ, जिससे गैस में आग लग गई। इस आग में 11 कर्मचारी झुलस गए। इनमें से चार कर्मचारियों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनमें से एक कर्मचारी की त्वचा का 95% हिस्सा जल गया है। बाकी कर्मचारी 60-70% तक झुलसे हुए हैं।
आग की भीषणता को देखते हुए तीन अग्निशमन वाहनों की मदद से आग बुझाई गई। फैक्ट्री में सिलिंडरों के साथ-साथ आसपास एलपीजी गैस के और सिलिंडर भी मौजूद थे, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता था कि यदि समय पर आग को नियंत्रित नहीं किया जाता तो यह एक बड़ी त्रासदी बन सकती थी।
आगे की कार्रवाई:
घटना के बाद फैक्ट्री के महाप्रबंधक संजय गुप्ता ने बताया कि घायलों को अस्पताल में समुचित उपचार दिया जा रहा है। साथ ही, अग्नि सुरक्षा उपकरणों की जांच की जा रही है। इस मामले में मुख्य अग्निशमन अधिकारी वंश बहादुर यादव ने फैक्ट्री में जांच की।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
घटना के बाद सहसपुर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने अग्निशमनकर्मियों से आग की वजह और रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही, घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए निजी और सरकारी अस्पतालों के अधिकारियों से बातचीत की।
यह घटना इस बात का सबक देती है कि औद्योगिक सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करना आवश्यक है, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे रोके जा सकें।