गोपेश्वर: उत्तराखंड के माणा पास में स्थित देवताल जल्द ही भारत की सबसे ऊंचाई पर स्थित प्राकृतिक झील का दर्जा हासिल कर सकता है। स्की माउंटेनिंग एसोसिएशन के हालिया सर्वेक्षण में देवताल की ऊंचाई 17,926 फीट मापी गई है, जो इसे देश की सबसे ऊंचाई पर स्थित झील बना सकता है। एसोसिएशन ने इस रिपोर्ट को जिला प्रशासन को भेजते हुए मांग की है कि इसे भारत की उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रथम झील का दर्जा दिया जाए।
गौरतलब है कि 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर स्की माउंटेनिंग एसोसिएशन के नेतृत्व में एक साइकिल और बाइक रैली का आयोजन किया गया था, जो बदरीनाथ से माणा पास तक हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस रैली का शुभारंभ किया था, जिसमें 140 से अधिक साइकिलिस्ट और बाइकर्स ने हिस्सा लिया था। माणा से चीन सीमा के निकट स्थित देवताल तक का 54 किमी का सफर तय करते हुए विशेषज्ञों की टीम ने जीपीएस कॉर्डिनेट्स के आधार पर झील की ऊंचाई मापी, जिसमें यह 17,926 फीट पाई गई।
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देवताल को स्थानीय लोगों के धार्मिक स्थल के रूप में भी विशेष महत्व प्राप्त है। इसे “देवताओं का तालाब” कहा जाता है, जहां मान्यता है कि देवता स्नान करने आते हैं। झील के पास हनुमान जी का मंदिर भी है, और श्रद्धालु यहां पूजा करने के लिए आते हैं। सरस्वती नदी का उद्गम स्थल भी इसी क्षेत्र में माना गया है, जिससे धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी इसका महत्व बढ़ जाता है।
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झील तक पहुंचने के लिए माणा से आगे इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है, जो प्रशासन द्वारा जारी किया जाता है। वर्तमान में देश की सबसे ऊंचाई पर स्थित झील सिक्किम में स्थित गुरुडोंगमार झील मानी जाती है, जिसकी ऊंचाई 17,800 फीट है। यदि उत्तराखंड सरकार देवताल की ऊंचाई के इस दावे को मान्यता देती है, तो यह देश की सबसे ऊंची झील के रूप में विख्यात हो सकती है।
देवताल से एक किमी पहले परी ताल नाम की एक सुंदर झील भी है, जिसे “परीयों का तालाब” माना जाता है। इस झील के आसपास की कहानियां बताती हैं कि यहाँ परियां निवास करती हैं और स्नान के लिए आती हैं।