चारधाम यात्रा 2025 (Chardham yatra 2025) को सुचारू, सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखंड शासन के सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य, सिंचाई और चारधाम यात्रा के लिए बद्रीनाथ के नोडल अधिकारी डॉ. आर. राजेश कुमार ने मंगलवार को चमोली जनपद का व्यापक निरीक्षण दौरा किया.
भूस्खलन संभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण
नोडल अधिकारी डॉ. आर. राजेश कुमार ने कमेड़ा से लेकर बद्रीनाथ तक के यात्रा मार्ग में स्वास्थ्य सुविधाओं, सड़कों की स्थिति, पार्किंग स्थलों, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और रजिस्ट्रेशन व स्क्रीनिंग केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण किया. सचिव ने सबसे पहले गौचर स्थित रजिस्ट्रेशन सेंटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), मेला मैदान तथा कर्णप्रयाग स्थित ट्रॉमा सेंटर का गहन निरीक्षण किया. उन्होंने अस्पतालों में मरीजों के लिए पर्याप्त दवाओं का स्टॉक, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता और साफ-सफाई की स्थिति की समीक्षा की.
दवा और मेडिकल स्टाफ हर समय स्वास्थ्य केंद्रों में हो तैनात
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयां, उपकरण और मेडिकल स्टाफ हर समय तैनात रहें. उन्होंने जानकारी दी कि जल्द ही चमोली में डायलिसिस मशीनें उपलब्ध करा दी जाएंगी जिससे मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी. इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि यदि किसी उपकरण या सुविधा की आवश्यकता हो तो संबंधित विभाग शासन को समय पर प्रस्ताव भेजे, ताकि संसाधन समय रहते उपलब्ध कराए जा सकें.
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13 भाषाओं में जारी होगी हेल्थ एडवाइजरी
स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी दी कि आगामी यात्रा में श्रद्धालुओं की बेहतर स्क्रीनिंग और प्राथमिक उपचार के लिए कुल 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट और 50 स्क्रीनिंग पॉइंट्स स्थापित किए जाएंगे. वर्तमान में जिले में 3 एमआरपी और 5 स्क्रीनिंग पॉइंट्स कार्यरत हैं. इस बार 5 नए एमआरपी और कई अतिरिक्त स्क्रीनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जो विशेष रूप से यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण और प्राथमिक उपचार के लिए होंगे. सचिव ने निर्देश दिए कि सभी एमआरपी और स्क्रीनिंग सेंटरों के माध्यम से 13 विभिन्न भाषाओं में तैयार की गई हेल्थ एडवाइजरी का वितरण अनिवार्य रूप से किया जाए. यह एडवाइजरी श्रद्धालुओं को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य जोखिम, कोविड-19 जैसी संभावित बीमारियों, खानपान और आवश्यक सावधानियों की जानकारी देगी.
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से चल रहा कार्य
निरीक्षण के दौरान सचिव ने राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत कमेड़ा भूस्खलन क्षेत्र में डामरीकरण कार्य का भी निरीक्षण किया. साथ ही कार्यदायी संस्था को 20 दिनों के भीतर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए. नंदप्रयाग के पार्थाडीप क्षेत्र में चारधाम यात्रा से पहले अस्थायी ट्रीटमेंट कार्य और मलबा निस्तारण का कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है, जिसे 15 दिन के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं. एनएच-07 के पागल नाला क्षेत्र में सचिव ने भूस्खलन जोन की विस्तृत जानकारी लेते हुए कार्यदायी संस्था को स्थायी समाधान के लिए रणनीति तैयार कर प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए. वहीं जोगीधारा में बीआरओ को सड़क के बेस को मजबूती प्रदान करने और सुधार कार्य जल्द पूरा करने के आदेश दिए.