सरकारी योजनाओं का सही इस्तेमाल कैसे बदल सकती है जिंदगी? कमल गिरी की कहानी से सीखिए

कभी गांव में छोटी से दुकान चलने वाले कमल गिरी आज 35 नाली जमीन पर सेब, कीवी, आडू, खुमानी और सब्जियों की खेती कर रहे हैं. चम्पावत के दूधपोखरा गांव निवासी कमल गिरी (35) की यह सफलता किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. लेकिन इसमें मुख्य किरदार उनकी मेहनत और सरकार की योजनाओं का सही उपयोग है. अब अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लेकर, सेब उत्पादन के लिए आगे आ रहे हैं.

चार साल पहले गांव में संभालते थे छोटी सी दुकान

चार साल पहले तक कमल गांव में ही एक छोटी सी दुकान संभालते थे. तभी उन्हें भीमताल स्थित उद्यान विभाग की नर्सरी से जल्दी फल देने वाली सेब की प्रजातियों के बारे में जानकारी मिली. कमल वहां पहुंच गए और यहीं से शुरू हुआ उनका बागवानी का सफर. उन्हें ‘एप्पल मिशन’ योजना के तहत 500 सेब के पौधे 60% सब्सिडी पर मिले. इसके साथ ही उन्होंने ‘कीवी मिशन’ में आवेदन कर 10 नाली भूमि पर कीवी के पौधे भी लगाए.

Read More

इसी तरह पांच नाली जमीन पर तेज पत्ता, बड़ी इलाईची लगाने के साथ ही मधु मक्खी पालन का भी शुरू कर दिया. बीते कुछ साल की मेहतन के बाद उनके पास अब कुल 35 नाली का उद्यान हो चुका है. जिसमें कमल पॉलीहाउस के जरिए सब्जियां भी लगा रहे हैं. सहायक गतिविधि के रूप में मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन भी शुरू कर चुके हैं.

सरकारी योजनाओं का ऐसे लिया लाभ

कमल गिरी बताते हैं कि एप्पल मिशन के तहत उन्हें 60 प्रतिशत सब्सिडी पर पौधे मिले. इसी तरह 80 प्रतिशत सब्सिडी पर उन्होंने पॉलीहाउस भी बनवा लिया है. विभाग ने कीवी मिशन और तारबाड़ में भी उन्हें सहयोग दिया है. इन्हीं सब प्रयासों से जंगल के बीच में होने के बावजूद उनकी फसल जंगली जानवरों से सुरक्षित रह सकी. अब उनकी मेहनत कामयाब होने लगी है. पिछले सीजन में उन्होंने 21 कुंतल सेब बेचा, इस सीजन में कीवी का भी उत्पादन शुरू हो गया है. साथ ही 15 कुंतल तेज पत्ता भी तैयार हो गया है. पॉलीहाउस के जरिए वो नियमित सब्जियां भी बेचते हैं.

गांवों की अर्थव्यवस्था बढ़ाने के लिए बागवानी जरूरी : CM

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के गांवों की आर्थिकी बढ़ाने के लिए औद्यानिकी बेहद जरूरी है. एप्पल मिशन और कीवी मिशन जैसी कई योजनाओं का लाभ अब जमीन पर दिखने लगा है. इससे न सिर्फ लोगों की आमदनी बढ़ रही है, बल्कि पलायन की समस्या का भी समाधान हो रहा है.

Source link

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *