हिजबुल्लाह के चीफ सैय्यद की मौत के बाद अली खोमानेई ने सुरक्षित जगह पहुंचकर दिया बड़ा बयान

हिजबुल्लाह के चीफ सैय्यद Hassan Nasrallah के मारे जाने के बाद तेहरान में हड़कंप मच गया है। इस घटना के बाद ईरान के सर्वोच्च लीडर अली खोमानेई को सुरक्षित ठिकाने पर शिफ्ट कर दिया गया है। बता दें कि इससे पहले ईरान में ही हमास चीफ इस्माइल हानिया को भी तथाकथित रुप से इजरायल ने तेहरान में मार गिराया था। अब हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह के मारे जाने के बाद ईरान के बाद सुप्रीम लीडर भी खुद को असुरक्षित समझने लगे हैं।

ईरान के सर्वोच्च नेता खामनेई का पोस्ट

Read More

सुरक्षित स्थान पर जाने के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता खामनेई के आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक के बाद एक कई ट्वीट किए गए हैं। बयान में कहा गया है कि लेबनान में निहत्थे नागरिकों की हत्या ने एक बार फिर जायोनीवादियों की बर्बर प्रकृति को सबके सामने उजागर कर दिया है। दूसरी ओर इन कार्रवाईयों ने यह भी साबित कर दिया है कि कब्जा करने वाली सरकार के नेताओं ती नीतियां कितनी अदूरदर्शी और पागलपन भरी हैं। उन्होनें आगे लिखा कि, आतंकवादी गिरोह ने गाजा में अपने 1 साल के आपराधिक युद्ध से कुछ नहीं सीखा है। उसे यह समझ नहीं आया है कि, महिलाओं, बच्चों और नागरिकों का नरसंहार प्रतिरोध के मजबूत ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है या उसे घुटने टेकने पर मजबूर नहीं कर सकता है। अब वो लेबनान में भी उसी बेतुकी नीति का परीक्षण कर रहे हैं।

गरीब किराना व्यापारी के वहां जन्मा Hassan Nasrallah

हसन नसरल्लाह 31 अगस्त 1960 को बेरूत के उत्तरी बुर्ज हम्मूद उपनगर में जन्मा था। एक गरीब किराना व्यापारी के परिवार में जन्मे नसरल्लाह के आठ भाई-बहन थे। हसन नसरल्लाह ने साल 1992 में हिजबुल्लाह के चीफ की कमान संभाली थी। उस समय से लेकर वह हिजबुल्लाह के नेतृत्व समूह के महासचिव के तौर पर काम कर रहा था। 64 साल के नसरल्लाह को लेबनान का सबसे ताकतवर शख्स माना जाता था। वह इजरायल के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक था। वह केवल लेबनान ही नहीं बल्कि पश्चिम एशिया के शक्तिशाली लोगों में से एक माना जाता था।

Source link

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *