उत्तराखंड प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के आवाहन पर चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी डीपीसी और एसडीएपीसी की मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं। चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो चार अक्टूबर को वे कार्य बहिष्कार करेंगे। चिकित्सकों के विरोध के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ.आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में डीपीसी की अहम बैठक हुई।
चिकित्सकों के विरोध के बाद शासन ने ली DPC की अहम बैठक
बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य सहित शासन-प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। डीपीसी की इस महत्वपूर्ण बैठक में 25 अपर निदेशक व 30 संयुक्त निदेशक के पदों पर डीपीसी की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। स्वास्थ्य सचिव डॉ.आर राजेश कुमार ने कहा कि चिकित्सकों की मांगों पर शासन हमेशा संवेदनशील रहा है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा महानिदेशालय से आए प्रस्ताव में अनेक खामियां थी, जिस वजह से पूरी प्रक्रिया में कुछ समय लग गया।
Also Read
- हिमालयी मौसम और जलवायु क्षेत्रों में एरोसोल का प्रभाव बढ़ा, 250 से अधिक वैज्ञानिक दे रहे समाधान के सुझाव
- उत्तराखंड की तस्वीर बदल देंगे चार महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट: वेडिंग डेस्टिनेशन, नालेज सिटी, दो नए शहर, और गंगा-शारदा कॉरिडोर से 2026 तक राज्य में विकास की नई शुरुआत
- उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड: मुख्यमंत्री धामी ने की आधिकारिक घोषणा
- उत्तराखंड में बाघों की मौत में 62% की कमी, संरक्षण प्रयासों से बेहतर हुए हालात
- 38वें राष्ट्रीय खेल: उत्तराखंड के खिलाड़ियों और खेल विभाग के लिए बड़ी परीक्षा, पदक तालिका में सुधार की चुनौती
25 अपर निदेशक और 30 संयुक्त निदेशक के पदों पर निर्णय
स्वास्थ्य सचिव ने कहा आज डीपीसी की बैठक में 25 अपर निदेशक व 30 संयुक्त निदेशक के पदों पर समिति के द्वारा निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि इस निर्णय पर जल्द ही विधिवत आदेश भी जारी कर दिया जाएगा। एसडीएसीपी पर भी जल्द निर्णय लिया जायेगा। चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर समय-समय पर ठोस कदम उठाये गए हैं। शासन के द्वारा कर्मचारियों के मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।