उत्तराखंड के रामनगर में जमीन पर अवैध कब्जे का मामला गरमाता जा रहा है. रविवार को रिटायर्ड कर्नल बलराज सिंह लांबा ने एक प्रेस वार्ता कर भाजपा नेता और उसके सहयोगी पर गंभीर आरोप लगाए. वहीं भाजपा नेता ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए उन्हें राजनीति से प्रेरित बताया है.
BJP नेता पर फर्जी दस्तावेज़ बनवाकर NRI की ज़मीन हड़पने का आरोप
कर्नल लांबा ने कहा कि उनके एनआरआई रिश्तेदार बलबीर सिंह जिनकी पीरूमदारा में करोड़ों की ज़मीन है, उनके नाम से मिलते-जुलते एक अन्य व्यक्ति के जरिए फर्जी तरीके से जमीन पर कब्जा किया गया. आरोप है कि भाजपा ग्रामीण युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजेश पाल और उनके साथी चंद्रशेखर मौर्या ने राजस्व विभाग की मिलीभगत से पहचान पत्रों में पिता का नाम बदलवाया और ज़मीन की बिक्री शुरू कर दी.
रिटायर्ड कर्नल लांबा ने बताया कि इस मामले में चकबंदी न्यायालय और सिविल कोर्ट में मुकदमे दर्ज हैं और एसडीएम ठाकुरद्वारा को शिकायत देने के बाद जांच नायब तहसीलदार आदित्य मौर्य को सौंपी गई है. कर्नल लांबा ने कहा कि लेखपाल की रिपोर्ट में इस फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है.
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BJP नेता ने रिटायर्ड कर्नल के आरोपों को बताया निराधार
इन आरोपों के बाद भाजपा नेता राजेश पाल ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि रिटायर्ड कर्नल की ओर से लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. उन्होंने दावा किया कि जिन दस्तावेजों की बात की जा रही है, वे आज तक निरस्त नहीं हुए हैं और जमीन की रजिस्ट्री तथा दाखिल-खारिज की प्रक्रिया भी कानूनी रूप से हुई है.
भाजपा नेता ने पलटवार करते हुए कहा कि जब मामला उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने खुद एसडीएम को शिकायत दी, जिसके बाद जांच शुरू हुई और पटवारी को बदल दिया गया. उन्होंने रिटायर्ड कर्नल पर पुरानी घटनाओं को लेकर भी सवाल उठाए, जिसमें सरस्वती शिशु मंदिर से जुड़ा विवाद और एक महिला की 12 एकड़ ज़मीन का मामला शामिल है.