राहुल-सोनिया के खिलाफ चार्जशीट पर कांग्रेस का प्रदर्शन, BJP ने किया पलटवार

कांग्रेस ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन किया. कांग्रेस के हेराल्ड प्रकरण पर प्रदर्शन को लेकर भाजपा ने इसे गांधी परिवार के भ्रष्टाचार की पोल खुलने की तिलमिलाहट बताया है.

राहुल-सोनिया के खिलाफ चार्जशीट पर कांग्रेस का प्रदर्शन

राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कटाक्ष कर कहा कि संविधान की किताब हाथ में लेकर घूमने वाले अब जांच एजेंसियों को खुलेआम धमका रहे हैं और न्यायिक प्रक्रिया पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं. बंसल ने कहा कि जिस नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र को हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने शुरू किया था, उसे कांग्रेस पार्टी ने निजी कंपनी बनाने का पाप किया है. आज उसकी हजारों करोड़ की जमीन को अवैध तरीके से कब्जाने को लेकर जारी जांच और कानूनी कार्यवाही का दर्द, कांग्रेस पार्टी को होना स्वाभाविक है. बंसल ने कहा कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल और सोनिया गांधी इस प्रकरण में मुख्य आरोपी हैं और न्यायालय से बेल पर हैं.

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BJP ने बताया भ्रष्टाचार की तिलमिलाहट

बंसल ने कहा ये केस स्पष्ट करता है कि कैसे स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज उठाने वाले बने पत्र को पहले निजी आवाज बनाया और फिर सरकार और निजी क्षेत्रों से सत्ता के दुरूपयोग से दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, भोपाल पटना तमाम स्थानों पर हजारों करोड़ की संपत्ति दी गई. फिर साजिशन घाटे में दिखाया गया और कांग्रेस से 90 करोड़ का लोन दिखाकर, मात्र 50 लाख में उस यंग इंडिया से अधिग्रहण करा लिया गया, जिसमें 90 फीसदी हिस्सेदारी सोनिया, राहुल की है.बंसल ने कहा गांधी परिवार के इस भ्रष्टाचार की जांच हो रही है, जिसमें ईडी की गाइडलाइन के तहत जांच पूरी होने के बाद चार्जशीट दाखिल की गई है. लेकिन बजाय सहयोग करने के, कांग्रेस पार्टी, जेल से बेल पर बाहर घूमने वाले अपने आलाकमान को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.

बंसल ने की कांग्रेस के प्रदर्शन की निंदा

बंसल ने कहा भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के प्रदर्शन की निंदा करती है. कांग्रेस पार्टी की ये प्रतिक्रिया और ईडी को धमकाने की भाषा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और यह देश की विधिक प्रक्रिया का खुला उल्लंघन है. बंसल ने तंज किया कि कांग्रेस को भी धरना देने का अधिकार है, लेकिन जमीन और फंड लूटने का अधिकार नहीं है. इस घोटाले पर विस्तृत जानकारी देते हुए बंसल ने बताया कि 1937 में नेशनल हेराल्ड को 5 हजार क्रांतिकारियों ने बतौर शेयर होल्डर्स शुरू किया था, यानी नेशलन हेराल्ड कभी भी नेहरू खानदान की जागीर नहीं रहा, जैसा वो बताने की कोशिश करते हैं.

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