स्थानीय निकाय चुनाव में वोट कटने का मामला, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप

मताधिकार संरक्षण समिति के सदस्यों ने संयुक्त रूप से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता की. जिसमें कांग्रेस ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के मामलों पर चिंता जताई है. समिति ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस न तो चुनाव आयोग पर, न ही चुनाव प्रक्रिया और न ही मतदाताओं के विवेक पर सवाल उठा रही है. बल्कि चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने और स्थानीय निकाय चुनाव में मतदाता सूची से कटे नामों की पीछे की वजह जानने की कोशिश कर रही है.

राज्यभर में कटे वोटरों के नाम : कांग्रेस

बता दें जनवरी 2025 में सम्पन्न हुए, स्थनीय निकाय चुनाव में, राज्य के निकाय चुनाव में राजयभर से शिकायत आयी थी. जिसमें शिकायतकर्ताओं ने बताया था कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में वोट दिया था, लेकिन स्थनीय निकाय चुनाव की मतदाता सूची में उनका नाम नहीं था. समिति ने संविधान के अनुच्छेद 326 का हवाला देते हुए कहा कि लोस चुनाव में व्यसक मताधिकार का अधिकार सभी नागरिकों को प्राप्त हुआ है. ऐसे में वोट काटे जाने की प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण जरुरी है.

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उत्तराखंड मताधिकार संरक्षरण समिति के सदस्य अभिनव थापर ने देहरादून नगर निगम चुनाव का उदहारण देते हुए कहा कि अगस्त 2024 में जारी हुई वोटर लिस्ट में आठ लाख तीन हजार वोट कटे हुए थे. लेकिन दिसंबर 2024 में अंतिम सूची में यह संख्या घटकर 7.71 लाख हो गई. इतना ही नहीं मतदान से तीन दिन पहले जारी लिस्ट में 32,000 और नाम काट दिए गए. थापर ने सवाल उठाया कि यदि किसी का नाम तीन दिन पहले हटा दिया गया, तो वह इतनी जल्दी दोबारा सूची में कैसे जुड़ सकता था?

100 नगर निकाय में कांग्रेस चलाएगी अभियान

थापर ने कहा कि उत्तराखण्ड के सभी 100 नगर निकाय में जनपदवार हमारी टीम भ्रमण कर पिड़ित वोटरों से सम्पर्क सथापित करेगी. साथ ही जिला कांग्रेस कमेटी एवं ब्लाक कांग्रेस कमेटियों के स्तर पर इस अभियान को चलाकर सरकार की मिलीभगत की पोल खोली जायेगी.

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