देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की मिलम घाटी के एक दूरस्थ गांव में फंसे हुए हैं। उन्हे निकालने की कोशिशें जारी हैं। मौसम खराब होने के चलते उनके हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। उनके साथ उत्तराखंड के अपर निर्वाचन आयुक्त विजय जोगदंडे भी हैं।
वीरान गांव में फंसे, तोड़ना पड़ा ताला
केंद्रीय चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हाई एल्टिट्यूड में चुनावी प्रक्रिया को देखने के लिए पिथौरागढ़ के मिलम जा रहे थे। इसी बीच मौसम खराब होने के चलते उनके हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। हेलीकॉप्टर सीमांत रालम गांव में लैंड किया है। राजीव कुमार के साथ उत्तराखंड के अपर निर्वाचन आयुक्त विजय जोगदंडे भी मौजूद हैं। मिली जानकारी के अनुसार दोनों अधिकारी जिस गांव में फंसे हैं वो गांव फिलहाल वीरान पड़ा हुआ है। गांव के सभी लोग फिलहाल माइग्रेट करके निचले इलाकों में आ चुके हैं। ऐसे में रात में ठंड से बचने के लिए दोनों अधिकारियों को मजबूरी में एक घर का ताला तोड़ कर शरण लेनी पड़ी है।
Also Read
- हिमालयी मौसम और जलवायु क्षेत्रों में एरोसोल का प्रभाव बढ़ा, 250 से अधिक वैज्ञानिक दे रहे समाधान के सुझाव
- उत्तराखंड की तस्वीर बदल देंगे चार महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट: वेडिंग डेस्टिनेशन, नालेज सिटी, दो नए शहर, और गंगा-शारदा कॉरिडोर से 2026 तक राज्य में विकास की नई शुरुआत
- उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड: मुख्यमंत्री धामी ने की आधिकारिक घोषणा
- उत्तराखंड में बाघों की मौत में 62% की कमी, संरक्षण प्रयासों से बेहतर हुए हालात
- 38वें राष्ट्रीय खेल: उत्तराखंड के खिलाड़ियों और खेल विभाग के लिए बड़ी परीक्षा, पदक तालिका में सुधार की चुनौती
गांव में सड़क नहीं, ट्रैक करके पहुंच रहीं हैं बचाव टीमें
मिली जानकारी के मुताबिक दोनों अधिकारी जिस गांव में फंसे हैं वो गांव जिला मुख्यालय से तकरीबन 200 किमी की दूरी पर है और मोटर मार्ग से दूर है। ऐसे में दोनों अधिकारियों तक पहुंचने के लिए बचाव टीमों को ट्रैकिंग के जरिए तकरीबन 25 किलोमीटर का सफर तय करके पहुंचना पड़ेगा। दोनों अधिकारियों को निकालने के लिए तीन टीमें रवाना की गई है। आसपास के कुछ स्थानीय लोगों को भी भेजा गया है।
रात में ट्रैक खतरों भरा, हो सकती है देरी
बताया जा रहा है कि रात में इस ट्रैक पर चलना खतरनाक है और ऐसे में बचाव टीमों को खासा जोखिम उठाना पड़ रहा है। ऐसे में रेस्क्यू में देरी संभव है। पहले अधिकारियों ने रात दस बजे तक टीमों के पहुंच जाने की उम्मीद जताई थी। हालांकि अब रात एक बजे तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि टीमों के पहुंच जाने के बाद भी रात में दोनों अधिकारियों को निकाला नहीं जा सकेगा। दोनों अधिकारियों को रात रालम गांव में ही बितानी पड़ सकती है।
पहले भी आ चुके हैं राजीव कुमार, किया था दुमक का दौरा
सीईसी राजीव कुमार इससे पहले भी ऐसे ही एक कार्यक्रम में उत्तराखंड के चमोली जिले के दूरस्थ दुमक गांव का दौरा कर चुके हैं। 2022 में राजीव कुमार 18 किलोमीटर पैदल चलकर दुमक पहुंचे थे और लोगों से मुलाकात की थी।
सीईसी राजीव कुमार की दुमक गांव के दौरे की पुरानी तस्वीर