चिंतन शिविर 2025 का समापन : गरीबों, दलितों और दिव्यांगों तक सीधा पहुंचेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

देहरादून में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर 2025 का समापन हो गया है. दूसरे दिन नीतिगत समन्वय, रचनात्मक संवाद और ज़मीनी बदलावों पर ज़ोर दिया गया.

चिंतन शिविर 2025 का समापन

शिविर के दूसरे दिन की शुरुआत सामाजिक सशक्तिकरण पर एक अहम सत्र से हुई, जिसमें नशीले पदार्थों की मांग में कमी लाने की राष्ट्रीय कार्य योजना और नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत चल रहे राष्ट्रीय प्रयासों की समीक्षा की गई. राज्यों ने फील्ड स्तर की चुनौतियों और समुदाय आधारित नवाचारों को साझा किया, जिसमें जागरूकता अभियानों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया गया.

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भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों के पुनर्वास पर किया विचार

साथ ही शिविर में भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों के पुनर्वास पर विचार-विमर्श हुआ. सत्र में राज्यों ने समाज की मुख्यधारा में इन्हें शामिल करने के लिए अपनाई जा रही रणनीतियों और जमीनी स्तर पर आने वाली बाधाओं को प्रस्तुत किया. दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना पर भी विशेष सत्र आयोजित किया गया, जहां भागीदार राज्यों ने अपनी बेहतरीन कार्य-पद्धतियों को साझा किया और ग्रामीण व दूरदराज़ इलाकों तक योजना के विस्तार की संभावनाएं टटोलीं. चर्चा में कोई भी पीछे न छूटे के संकल्प को मूर्त रूप देने के लिए केंद्र-राज्य सहयोग की आवश्यकता दोहराई गई.

सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन से जुड़ी चुनौतियों को किया साझा

तकनीकी सत्रों में सिंगल नोडल एजेंसी मॉडल, सामाजिक लेखा परीक्षा और राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान द्वारा संचालित क्षमता निर्माण पहलों पर भी चर्चा हुई. इन सत्रों से पारदर्शिता, निगरानी और योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन को लेकर साझा दृष्टिकोण सामने आया. बता दें पहले दिन राज्यों द्वारा 11 और दूसरे दिन 10 प्रस्तुतियां दी गई, जिनमें कई राज्य मंत्रियों ने खुद भाग लिया. इन प्रस्तुतियों में योजनाओं के कार्यान्वयन से जुड़ी चुनौतियों, नवाचारों और सुधार के सुझावों को साझा किया गया.

देशभर के 19 मंत्री थे शिविर में शामिल

शिविर के समापन सत्र में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि यह चिंतन शिविर न केवल नीति-निर्माण के लिए एक रचनात्मक मंच है, बल्कि इससे ‘साक्ष्य-आधारित नीति-संशोधन’ की राह भी खुलती है. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों का साझा प्रयास ही समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुँचाने में सक्षम है. बता दें शिविर में 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों सहित देशभर के 19 मंत्री शामिल हुए.

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