देहरादून। नए साल में देहरादून के नागरिकों और पर्यटकों को जाम की समस्या से बड़ी राहत मिलने वाली है। शहर में 285 गाड़ियों की क्षमता वाली सामान्य पार्किंग और दो ऑटोमेटेड पार्किंग का निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है। इससे शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने और सड़क पर खड़े वाहनों की समस्या को खत्म करने में मदद मिलेगी।
सर्वे चौक पर 285 वाहनों के लिए पार्किंग
सर्वे चौक के पास काबुल हाउस वाली भूमि पर 99.35 लाख रुपये की लागत से 285 वाहनों के लिए पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा इस प्रोजेक्ट को चार महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह पार्किंग शहर की प्रमुख सड़कों पर लगने वाले जाम को कम करने में सहायक होगी।
ऑटोमेटेड पार्किंग: तकनीक से राहत
देहरादून की पहली ऑटोमेटेड पार्किंग का निर्माण लैंसडौन चौक से गांधी पार्क और परेड ग्राउंड के मध्य किया जा रहा है। दूसरी पार्किंग लैंसडौन चौक पर तिब्बती मार्केट के सामने बहुद्देशीय खेल भवन के पास बनाई जाएगी।
Also Read
- उत्तराखंड में देश का पहला सौर कौथिग: जानें कैसे बदल सकता है आपकी जिंदगी
- उत्तराखंड में चार दिवसीय विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का भव्य आगाज, 54 देशों के विशेषज्ञ जुटे, 600 शोध पत्रों के साथ आयुर्वेद चिकित्सा पर मंथन
- पीआरडी जवानों की बेटियों की शादी के लिए ₹50,000 सहायता, मातृत्व अवकाश समेत कई बड़े फैसले की घोषणा
- ओएनजीसी से सेवानिवृत्त इंजीनियर की बेरहमी से हत्या, पेट पर कई वार कर चाकू से की हत्या
- मुख्यमंत्री धामी का बड़ा फैसला: निर्धन परिवारों के शव को एंबुलेंस से घर पहुंचाने की होगी व्यवस्था
ऑटोमेटेड पार्किंग परियोजनाओं का विवरण:
- गांधी पार्क – परेड ग्राउंड मार्ग
- लागत: 4.72 करोड़ रुपये
- वाहन क्षमता: 129
- बहुद्देशीय खेल भवन के पास
- लागत: 4.96 करोड़ रुपये
- वाहन क्षमता: 132
क्या है ऑटोमेटेड पार्किंग सिस्टम?
ऑटोमेटेड पार्किंग सिस्टम एक मल्टीस्टोरी गैरेज की तरह काम करता है, जो कम जगह में अधिक कारों को पार्क करने में मदद करता है।
- कैसे काम करता है:
ड्राइवर को कार को केवल पार्किंग सिस्टम के प्रवेश क्षेत्र तक ले जाना होता है। उसके बाद यह सिस्टम यांत्रिक रूप से वाहन को पार्क करता है। यह रोबोट वैलेट पार्किंग जैसा है, जो समय और स्थान की बचत करता है।
शहर की यातायात व्यवस्था को मिलेगी राहत
पार्किंग स्थलों के निर्माण से सड़क पर अव्यवस्थित खड़े वाहनों की समस्या दूर होगी, जिससे यातायात सुगम होगा। देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल के अनुसार, यह पहल शहर में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।