देहरादून। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमण्डल ने आपदा प्रबंधन सचिव एवं अपर सचिव से मुलाकात कर जोशीमठ के राहत पुनर्वास एवम स्थिरीकरण आदि विभिन्न सवालों पर विस्तृत वार्ता की।
संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मण्डल ने जोशीमठ के वर्तमान हालात को विस्तार से रखते हुए, आपदा राहत मुआवजा एवम पुनर्वास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अब तक हुई कार्यवाही और देरी के बारे में सचिव एवम अपर सचिव के सम्मुख रखा।
राहत पुनर्वास के कार्यों में एवम जोशीमठ के स्थिरीकरण के कार्यों में हो रहे विलम्ब के चलते जनता में आशंका और फैल रहे आक्रोश को भी रखा गया। बरसात के बाद कुछ क्षेत्रों में हुए नुकसान और उससे भविष्य में होने वाले खतरे से भी सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन को अवगत कराया गया।
आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा कि वह अक्टूबर माह में जोशीमठ आकर पुनः मिलेंगे और जमीन पर लोगों के सुझाव लेकर सभी की सहमति से कार्य करेगें। इसके साथ ही उन्होने जोशीमठ की सुरक्षा के लिए सभी तरह के प्रयास करने की बात कही।
राहत मुआवजा पुनर्वास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अब तक हुए विलम्ब पर उनका कहना था कि उन्हें इस विभाग में आए कुछ ही समय हुआ है, उसके बाद बरसात और राज्य में आई आपदा में वे व्यस्त रहे। स्थिरीकरण के कार्यों में विलम्ब को लेकर उनका कहना था कि डीपीआर बनने में विलम्ब होने के चलते यह देरी हुई है। अब वे टेंटेटिव डीपीआर तैयार करवा कर वित्तीय स्वीकृति लेकर शीघ्र ही अक्टूबर के बाद कार्य प्रारम्भ करवा देंगे।
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प्रतिनिधि मण्डल ने वार्ता के उपरान्त कहा है कि यदि अक्टूबर माह तक आपदा राहत पुनर्वास एवम स्थिरीकरण सुरक्षा के कार्य, सरकार के आश्वाशन के अनुसार प्रारम्भ नहीं होते तो जोशीमठ बचाओ संघर्ष समीति पुनः 2022/23 की ही तरह जनता के सहयोग से व्यापक आन्दोलन को संगठित करेगी। सरकार की तरफ से आपदा के कार्यों में देरी व प्रभावितों के सवालों पर लापरवाही और उपेक्षा पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए संघर्ष समिति ने सरकार से शीघ्र सभी लंबित मांगों को पूरा करने की बात कही अन्यथा जनता के समक्ष आन्दोलन ही विकल्प होगा ।
प्रतिनिधि मण्डल में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समीति के संयोजक अतुल सती, अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार, सचिव कमल रतूड़ी, कोषाध्यक्ष संजय उनियाल, श्री हरिश भंडारी एवम दीपक उनियाल शामिल रहे।