चारधाम यात्रा को लेकर आपदा प्रबंधन मुस्तैद, आपदा संभावित इलाकों में पहले से टीमें रहेंगी तैनात

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर इस बार शासन पहले से ही खासा मुस्तैद नजर आ रहा है. पिछले साल आई दिक्कतों को देखते हुए इस बार आपदा प्रबंधन विभाग ने चार धाम यात्रा की तैयारियों को अंतिम चरण में पहुंचाना शुरू कर दिया. तब चाहे वो एक ही स्थान पर यात्रियों के जमा हो जाने की समस्या हो या फिर आपदा में रास्तों के टूट जाने की. इस बार आपदा प्रबंधन विभाग इन दिक्कतों से बचने के लिए पहले से ही योजना बनाने में लगा है.

चारधाम यात्रा को लेकर आपदा प्रबंधन मुस्तैद

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज 30 अप्रैल से होने जा रहा है. ऐसे में राज्य में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. राज्य में लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या के चलते आनी वाली दिक्कतों से लड़ने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने अभी से अपनी तैयारियां तेज कर दी है. आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के मुताबिक विभाग की कोशिश है कि लैंडस्लाइड या किसी अन्य वजह से रास्तों को बंद होने पर रिस्पांस टाइम को कम से कम किया जा सके. साथ ही आपदा संभावित इलाकों में पहले से टीमें तैनात रखी जा रही हैं.

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चामधाम यात्रा 2024 में बनी थी भगदड़ की स्थिति

बता दें पिछली बार चारधाम यात्रा (chardham yatra) के दौरान कई मार्गों पर एकाएक यात्रियों की भीड़ बढ़ गई थी. इसके चलते कुछ स्थानों पर भगदड़ जैसी स्थिती बनी तो कुछ स्थानों पर यात्रियों को गाड़ियों में ही रात गुजारनी पड़ी. ऐसे में खाने-पीने और शौचालय की व्यवस्था न मिलने से धामी सरकार की किरकिरी हुई थी. इस बार उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा को लेकर पहले से तैयारी कर रही है. ताकि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

सरकारी मशीनरी की कसरत जारी

उत्तराखंड के लिए चार धाम यात्रा सिर्फ यात्रा न होकर आर्थिकी का एक बड़ा जरिया भी है. हालांकि पिछले कुछ वक्त में यात्रियों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ. उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य के सीमित संसाधनों के लिए इतनी बड़ी संख्या में आने वाले यात्रियों को योजनाबद्ध तरीके से दर्शन कराना हमेशा से एक चुनौती रहा है. फिलहाल इस साल सरकारी मशीनरी की कसरत जारी है लेकिन असल इम्तिहान भी अभी बाकी है.

चारों धाम के कपाट कब खुलेंगे ?

चारधाम यात्रा का आगाज 30 अप्रैल से होने जा रहा है. 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के मौके पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. जबकि 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट और बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे. चारधाम यात्रा को सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए शासन प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है.

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