अल्मोड़ा। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित ल्वेथाप गुफाएं मानव इतिहास और विकास की एक अद्भुत कड़ी का खुलासा करती हैं। इन गुफाओं में पाषाण युग से जुड़े शैलचित्र, कपमार्क्स, और अन्य पुरातात्विक साक्ष्य मौजूद हैं, जो वानर से इंसान बनने तक की यात्रा को दर्शाते हैं। यह स्थान हिमालय की समृद्ध संस्कृति और प्रागैतिहासिक मानव के रहस्यमय जीवन का केंद्र रहा है।
ल्वेथाप गुफाओं की खासियतें:
- प्राचीन शैलचित्र: गुफाओं में बने शैलचित्र पंक्तिबद्ध मानव श्रृंखलाओं और शिकार के दृश्यों को दिखाते हैं।
- कपमार्क्स: चट्टानों पर बने ओखली जैसे निशान, जो अनाज कूटने या अस्थि अवशेष रखने के लिए उपयोग किए गए होंगे।
- शवाधान: सात से आठ समाधियां, जो पाषाणयुगीन मानव की विकसित सोच को दर्शाती हैं।
- विशाल प्राकृतिक संरचना: गुफाओं में छत जैसी आकृति और बरामदा, जो आराम करने के स्थान के रूप में इस्तेमाल होता होगा।
शोधकर्ताओं की राय:
पुरातत्वविद् चंद्र सिंह चौहान के अनुसार, यहां प्रागैतिहासिक मानव के जीवन के अत्यधिक विकसित होने के प्रमाण मिलते हैं। शैलचित्रों में उत्सव और सामूहिक जीवनशैली की झलक दिखती है।
Also Read
- उत्तराखंड में चार दिवसीय विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का भव्य आगाज, 54 देशों के विशेषज्ञ जुटे, 600 शोध पत्रों के साथ आयुर्वेद चिकित्सा पर मंथन
- उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड का प्रकोप, पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ी सर्दी; शीतलहर की चेतावनी
- गंगा की तेज़ धाराओं ने ली एक और ज़िंदगी: नीम बीच पर डूबे युवक का शव लक्ष्मण झूला के पास बरामद
- उत्तराखंड में शिक्षा क्रांति: सरकार भरने जा रही 5000 शिक्षकों के पद, बच्चों को मिलेगा डिजिटल हेल्थ कार्ड
- मसूरी का सफर सिर्फ 15 मिनट में: दून-मसूरी रोपवे से मिलेगा जाम और प्रदूषण से छुटकारा
कैसे पहुंचे:
अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 18 किमी दूर कपड़खान से सल्ला गांव की ओर पैदल रास्ते से ल्वेथाप गुफाओं तक पहुंचा जा सकता है।