हरिद्वार: अजरबैजान की राजधानी बाकू में 4 से 22 नवंबर तक संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का आयोजन हो रहा है, जिसमें दुनियाभर के नेता और पर्यावरण विशेषज्ञ जुटेंगे। इस वैश्विक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति और अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि, डॉ. चिन्मय पंड्या करेंगे।
डॉ. पंड्या पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर मुद्दों पर भारतीय दृष्टिकोण से समाधान ढूंढने का प्रयास करेंगे। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण से जुड़े अहम मुद्दों का समाधान निकालना है, जो मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
- हिमालयी मौसम और जलवायु क्षेत्रों में एरोसोल का प्रभाव बढ़ा, 250 से अधिक वैज्ञानिक दे रहे समाधान के सुझाव
- उत्तराखंड की तस्वीर बदल देंगे चार महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट: वेडिंग डेस्टिनेशन, नालेज सिटी, दो नए शहर, और गंगा-शारदा कॉरिडोर से 2026 तक राज्य में विकास की नई शुरुआत
- उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड: मुख्यमंत्री धामी ने की आधिकारिक घोषणा
गायत्री परिवार के नेतृत्व में, डॉ. पंड्या ने हाल ही में नदी संरक्षण शिखर सम्मेलन, राष्ट्रीय नदी संगम और भारत जल सप्ताह जैसे आयोजनों में भी जलवायु परिवर्तन और जल संरक्षण पर अपनी आवाज उठाई है। अब UN सम्मेलन में, वह भारत के पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पुरजोर तरीके से रखेंगे।
Also Read
- हिमालयी मौसम और जलवायु क्षेत्रों में एरोसोल का प्रभाव बढ़ा, 250 से अधिक वैज्ञानिक दे रहे समाधान के सुझाव
- उत्तराखंड की तस्वीर बदल देंगे चार महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट: वेडिंग डेस्टिनेशन, नालेज सिटी, दो नए शहर, और गंगा-शारदा कॉरिडोर से 2026 तक राज्य में विकास की नई शुरुआत
- उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड: मुख्यमंत्री धामी ने की आधिकारिक घोषणा
- उत्तराखंड में बाघों की मौत में 62% की कमी, संरक्षण प्रयासों से बेहतर हुए हालात
- 38वें राष्ट्रीय खेल: उत्तराखंड के खिलाड़ियों और खेल विभाग के लिए बड़ी परीक्षा, पदक तालिका में सुधार की चुनौती
डॉ. पंड्या का यह कदम भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है, जो जलवायु परिवर्तन के गंभीर संकट से निपटने की दिशा में सार्थक समाधान खोजने में सहायक होगा।