चारधाम यात्रा 2025 से पहले विशेषज्ञों ने जताई बड़ी चेतावनी, सरकार को किया आगाह

चारधाम यात्रा हर साल उत्तराखंड की आत्मा में नई ऊर्जा भारती है. इस साल chardham yatra 2025 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है. यात्रा शुरू होने में अब 20 दिन शेष हैं. ऐसे में शासन-प्रशासन ने तैयारियां को तेज कर दिया है, ताकि देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा सुगम और सुरक्षित हो. इस बीच, पर्यावरण और नीति से जुडी विषयों पर काम करने वाली संस्था सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्यूनिटी (एसडीसी) फाउंडेशन ने इस बार की यात्रा को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है.

बिना सीमा तय किए भीड़ बुलाने पर जताई चिंता

एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने कहा कि सरकार ने चारों धामों में यात्रियों की संख्या पर किसी तरह की सीमा तय नहीं की है. इसका सीधा मतलब है कि हर कोई, बिना रोक-टोक के चारधाम यात्रा पर जा सकेगा. चाहे वहां पहले से भीड़ कितनी भी हो. नौटियाल ने कहा हाल के वर्षों में चारधाम यात्रा के आकार में भारी बढ़ोत्तरी हुई है. इस बार फिर से पिछले साल से कहीं ज्यादा तीर्थयात्रियों के पहुंचने की संभावना है. ऐसे में धामों में भारी भीड़ उमड़ने और अव्यवस्थाएं फैलने की पूरी आशंका है. नौटियाल ने कहा धामों की कैरिंग कैपेसिटी का ध्यान रखे बिना असीमित संख्या में तीर्थयात्रियों को वहां जाने की अनुमति देना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.

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चारधाम यात्रा 2024 पर जारी की थी विस्तृत रिपोर्ट : नौटियाल

अनूप नौटियाल के अनुसार एसडीसी फाउंडेशन लगातार धामों की कैरिंग कैपेसिटी को लेकर सरकार को आगाह करता रहा है. 2024 की 192 दिन की चार धाम यात्रा को लेकर भी फाउंडेशन ने एक विस्तृत रिपोर्ट पाथवेज टू पिलग्रिमेज डेटा इनसाइट्स, चैलेंजेस एंड अपॉर्चुनिटी जारी की थी. नौटियाल ने बताया इस रिपोर्ट में 28 हफ्ते और 192 दिन तक हर धाम में हर दिन पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या का उल्लेख किया गया था. साथ ही 14 ग्राफ के माध्यम से 10 प्रमुख बिंदुओं को हाईलाइट किया गया था. नौटियाल ने कहा मीडिया डॉक्यूमेंटेशन के एनालिसिस और रजिस्ट्रेशन व्यवस्था को सरल बनाने के एक स्पेशल फीचर के साथ कई और सुझाव भी इस रिपोर्ट में दिए थे.

स्लॉट फुल होने पर उठाए सवाल

नौटियाल के अनुसार चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले जिस तरह की अनियमितताएं बरती जा रही हैं, उससे तीर्थयात्रियों में असमंजस की स्थिति पैदा हो सकती है. सरकार ने घोषणा की है कि सभी को धामों में जाने की अनुमति होगी. लेकिन, जब लोग ऑनलाइन पंजीकरण करवाने की कोशिश कर रहे हैं तो पता चल रहा है कि धामों में अलग-अलग दिनों के स्लॉट बुक हो गए हैं. नौटियाल ने कहा 30 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में आज के समय में भी 18 मई तक यमुनोत्री धाम के 17 दिन के स्लॉट फुल हो चुके हैं और केदारनाथ के सिर्फ 7 दिन के स्लॉट खुले हैं. नौटियाल ने सवाल उठाया कि यदि तीर्थयात्रियों की संख्या की कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है तो फिर स्लॉट बुक हो जाने का क्या मतलब हो सकता है.

सरकार से की स्पष्ट करने की मांग

नौटियाल ने कहा सभी को जाने की अनुमति देने का मतलब तो यह है कि सभी का रजिस्ट्रेशन हो जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. नौटियाल ने कहा कि सरकार ने पहले 60 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन और 40 प्रतिशत ऑफ लाइन करने की बात कही है. सभी यात्रियों को धामों में जाने की अनुमति दिए जाने के सरकारी आदेश के बाद यदि लोग उत्तराखंड आते हैं और उन्हें सभी स्लॉट बुक हो जाने की बात कह कर रजिस्ट्रेशन करने से मना कर दिया जाता है तो न सिर्फ तीर्थयात्रियों बल्कि सरकारी सिस्टम से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को भी परेशानी होगी. साथ ही उत्तराखंड की छवि भी प्रभावित होगी. नौटियाल ने राज्य सरकार से इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है.

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