भारत के इस एयरपोर्ट पर बनने जा रही पहली Air Train, जानें क्यों है इसकी जरुरत?

दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर ( DIAL) ने यात्रियों की सुविधा के लिए पहली एयर ट्रेन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। DIAL की प्लानिंग टर्मिनल 1 और दोनों दूसरे टर्मिनल के बीच यात्रियों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की है। इंदिरा गांधी एंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट द्वारा किया जाता है। इसकी गिनती देश के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट में होती है। दिल्ली एयरपोर्ट पर कुल तीन टर्मिनल T1, T2, T3 हैं।

बता दें कि DIAL का लक्ष्य डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर मॉडल के आधार पर एक एलिवेटेड और at-ग्रेड ऑटोमेटेड पीपल मूवर सिस्टम लागू करना है। Automated people mover के लिए टेंडर पहले ही जारी किया जा चुका है।

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क्या है Air Train?

बता दें कि एयर ट्रेन आमतौर पर दुनियाभर में यात्रियों के लिए फ्री होती हैं ताकि टर्मिनल के बीच सुगम कनेक्टिविटी मिल सके। यह सिस्टम मोनोरेल की तरह काम करता है और दुनियाभर में कई एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की आवाजाही के लिए स्मूथ और परेशानी मुक्त विकल्प के तौर पर एयरट्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है। हवाई यात्रा करने वाली यात्री टर्मिनल के बीच ट्रांसफर के लिए और खासतौर पर ट्रांजिट फ्लाइट्स के लिए एयर ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। एयर ट्रेन थोड़ी थोड़ी देर पर तय किए गए स्टेशन से रवाना होती रहती है।

क्यों है एयर ट्रेन की जरुरत?

दरअसल, दिल्ली एयरपोर्ट पर हर साल 70 मिलियन से ज्यादा यात्रियों का आवागमन होता रहता है। यह भारत के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट में से एक है। ग्रोथ को देखते हुए एयरपोर्ट की योजना अगले 6 से 8 सालों में अपनी क्षमता दोगुनी करके 130 मिलियन करने की है जिससे एयर ट्रेन एक बड़ी जरुरत बन गया है। बता दें कि टर्मिनल1 एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 और टर्मिनल 3 से कुछ दूरा पर स्थित है। अभी यात्रियों को यह सफर सड़क मार्ग द्वारा तय करना पड़ता है।

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