मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आज एसडीजी इण्डेक्स 2023-24 के तहत विभिन्न इण्डेक्स में सुधार के लिए नियोजन विभाग के साथ समीक्षा बैठक की गई। जिसमें सीएस ने उत्तराखण्ड में मातृ मृत्यु दर में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग को 104 के माध्यम से ए.एन.एम द्वारा गर्भवती महिलाओं की ए.एन.सी (प्रसव पूर्व देखभाल) के लिए की जाने वाली विजिट की ट्रैकिंग के निर्देश दिए।
एक्शन प्लान बनाने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में मातृ मृत्यु दर में सुधार के लिए विशेष प्रयास करने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्वास्थ्य विभाग को मिशन मोड में कार्य करते हुए प्रदेश भर में गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग, ए.एन.सी, एनिमिया की स्थिति पर गैर सरकारी स्वास्थ्य संगठनों के साथ कार्य करते हुए जल्द एक एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए।
Also Read
- उत्तराखंड में चार दिवसीय विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का भव्य आगाज, 54 देशों के विशेषज्ञ जुटे, 600 शोध पत्रों के साथ आयुर्वेद चिकित्सा पर मंथन
- सहकारी समितियों में बड़ा बदलाव: 1.11 लाख निष्क्रिय सदस्यों को मिला मतदान का अधिकार, महिलाओं को 33% आरक्षण
- उत्तराखंड में हर परिवार को अपनी छत, नई आवास नीति से 5 लाख आय वालों को मिलेगा बड़ा फायदा
- पीआरडी जवानों की बेटियों की शादी के लिए ₹50,000 सहायता, मातृत्व अवकाश समेत कई बड़े फैसले की घोषणा
- उत्तराखंड में नई आवास नीति लागू: पांच साल तक नहीं बेच सकेंगे आवास, गृह प्रवेश में देरी पर रद्द होगा आवंटन
दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में सुधार की नई पहल
सीएस राधा रतूड़ी ने स्कूली शिक्षा में दिव्यांग बच्चों की भागीदारी में सुधार के लिए प्रदेश में शिक्षा से वंचित दिव्यांग बच्चों की गणना के निर्देश देते हुए उनके लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था के लिए एन.आई.वी.एच सहित चार प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों की सहायता लेने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा सीएस ने एसडीजी इण्डेक्स के तहत निजी क्षेत्र में प्रबन्धकीय पदों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य के सम्बन्ध में श्रम विभाग को नोडल बनाते हुए सर्वेक्षण व डेटा एकत्रित करने के निर्देश दिए।
घरेलू हिंसा के मामलों पर हो अभिभावकों की काउंसिलिंग : CS
सीएस रतूड़ी ने महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा के मामलों पर पुलिस विभाग को महिला हेल्प डेस्क पर आने वाली पीड़िता को सेफ हाउस में रखने और उनके अभिभावकों की काउंसिलिंग की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। इसके अलावा मुख्य सचिव ने आत्महत्या के मामलों के सम्बन्ध में पुलिस विभाग को आयु के अनुसार आत्महत्या के आंकड़े एकत्रित करने के निर्देश दिए ताकि टारगेटेड अप्रोच के साथ इस दिशा में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की जा सके।