प्रादेशिक सेना भर्ती ने पिथौरागढ़ में मचाया हड़कंप, चार जिलों की परिवहन व्यवस्था चरमराई

पिथौरागढ़: प्रादेशिक सेना में विभिन्न पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया ने कुमाऊं के चार जिलों – रुद्रपुर, हल्द्वानी, टनकपुर और चंपावत – की परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है। भर्ती के लिए उमड़ी भारी भीड़ ने हालात इतने बिगाड़ दिए हैं कि सामान्य यात्रियों को भी सफर के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

युवाओं की बेतहाशा भीड़ से प्रशासन बेहाल
पिथौरागढ़ में भर्ती प्रक्रिया के दौरान युवाओं की इतनी भारी भीड़ उमड़ी कि प्रशासन के अधिकारियों के पसीने छूट गए। स्कूलों में तीन दिन का अवकाश घोषित करना पड़ा, जबकि बसों में जगह की भारी कमी के कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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हल्द्वानी, रुद्रपुर, टनकपुर और चंपावत में भर्ती केंद्र तक पहुंचने के लिए युवाओं की भीड़ स्टेशन से लेकर सड़कों तक नजर आई। दिल्ली और देहरादून जाने वाली बसें अभ्यर्थियों से भर गईं, जिससे आम यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गईं।

अतिरिक्त बसें भी हुईं कम
टनकपुर और हल्द्वानी से पिथौरागढ़ तक पहुंचने के लिए प्रशासन ने अतिरिक्त वाहन लगाए, लेकिन यह भी नाकाफी साबित हुआ। रोडवेज और केमू की सभी बसें अभ्यर्थियों को ले जाने में जुटी हैं। इस वजह से दूसरे रूटों की बस सेवाएं भी प्रभावित हुईं।

दुकानों के बाहर सोने को मजबूर अभ्यर्थी
सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर पिथौरागढ़ पहुंचे कई युवा दुकानों के बाहर सोते नजर आए। भारी संख्या में युवक रोडवेज स्टेशनों पर बसों के इंतजार में भटक रहे हैं। वहीं, पहाड़ी इलाकों की सड़कों पर बसें न मिलने से आम लोग भी परेशान हैं।

इन पदों के लिए हो रही है भर्ती
प्रादेशिक सेना में सैनिक जीडी, सैनिक क्लर्क, और सैनिक ट्रेड्समैन के पदों पर भर्ती चल रही है। 12 नवंबर से 27 नवंबर तक आयोजित इस भर्ती में अलग-अलग राज्यों के अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है। 22 और 23 नवंबर को उत्तराखंड के युवाओं की भर्ती होगी।

हफ्तेभर तक जारी रह सकती हैं समस्याएं
भर्ती प्रक्रिया का यह दौर लगभग एक सप्ताह तक और चलेगा। पिथौरागढ़ पहुंचे युवाओं की वापसी भी प्रशासन के लिए चुनौती साबित हो सकती है।

समस्या की गंभीरता

यह भर्ती केवल अभ्यर्थियों के लिए ही नहीं, बल्कि सामान्य यात्रियों और प्रशासन के लिए भी भारी साबित हो रही है। यात्रियों और स्थानीय निवासियों को इस अव्यवस्था के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

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