नैनीताल के चोरसा गांव में गुरुवार को एक दिव्य अध्यात्मिक केंद्र का उद्घाटन हुआ, जिसे साधना ध्यान उपवन (रुद्र समतेन गत्सल) के नाम से जाना जाएगा. इस मौके पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे. मंत्री ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह केवल एक भवन का लोकार्पण नहीं, बल्कि निस्वार्थ सेवा, आध्यात्मिक संकल्प और समर्पण की भावना का उत्सव है.
नैनीताल में ‘साधना ध्यान उपवन’ का उद्घाटन
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने वेन कुंगा रिनचेन (आनन्द लामा) के योगदानों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल भारत में, बल्कि यूरोप, नेपाल, ताइवान, सिंगापुर, मलेशिया, श्रीलंका जैसे कई देशों में जाकर बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार किया. इसके साथ ही वे उत्तराखंड की संस्कृति, शांति और अध्यात्म को भी वैश्विक मंचों पर ले गए. महाराज ने कहा, यह केंद्र एक साधक की तपस्या और दूरदृष्टि का परिणाम है.
आध्यात्मिक पर्यटन को मिलेगी नई दिशा : मंत्री
सतपाल महारज ने बताया कि वेन रिनचेन ने साल 2008 से ही पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करना शुरू कर दिया था, जब वे देहरादून स्थित सक्या सेंटर, राजपुर रोड के प्रधानाचार्य थे. वे स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण कार्यक्रम और पुनर्चक्रण कार्यशालाएं निरंतर आयोजित करते रहे हैं. मंत्री ने आगे कहा कि डुब्ड्रा समतेन गात्सल, साधना ध्यान उपवन, न केवल ध्यान-साधना का केंद्र बनेगा, बल्कि यह उत्तराखंड के धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को भी नई दिशा देगा.
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