चम्पावत जिले के लोहाघाट ब्लॉक का सीमांत मौड़ा गांव, जो अब तक सड़कों से कटा हुआ था, आखिरकार आजादी के 76 साल बाद सड़क सुविधा से जुड़ गया है. जिसके बाद से पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है.
आजादी के 76 साल बाद सड़क सुविधा से जुड़ा मौड़ा गांव
लोहाघाट के विधायक खुशाल सिंह अधिकारी के प्रयासों से लोहाघाट ब्लॉक का सीमांत मौड़ा गांव आजादी के 76 साल बाद सड़क सुविधा से जुड़ गया है. पहली बार गांव में वाहन पहुंचने पर ग्रामीणों ने जश्न मनाया और मिठाई बांटी. सड़क पर पहली बार जब कोई वाहन गांव तक पहुंचा तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. ग्रामीणों ने एक दूसरे को तिलक लगाकर और एक दूसरे के गले लग कर बधाई दी. ग्रामीणों के चेहरे की मुस्कान उनके सालों से किए संघर्ष के बाद मिली राहत को बयां कर रही थी.
विधायक निधि से सड़क निर्माण कराकर MLA ने दी ग्रामीणों को सौगात
पूर्व सैनिक केदार सिंह बोरा ने बताया कि मौड़ा गांव में इससे पहले भी कई जनप्रतिनिधि आ चुके हैं. लेकिन गांव तक सड़क पहुंचाने के उनके सभी प्रयास विफल रहे. उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इस गंभीर समस्या को क्षेत्रीय विधायक खुशाल सिंह अधिकारी के संज्ञान में लाया तो विधायक ने मामले को गंभीरता से लिया और सड़क न होने से ग्रामीणों की परेशानी और पलायन को देखते हुए विधायक निधि से तीन किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कराकर ग्रामीणों को तोहफा दिया.
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ग्रामीणों ने जताया विधायक का आभार
ग्रामीणों ने गांव में सालों बाद सड़क पहुंचाने के लिए उनका आभार व्यक्त किया. बोहरा ने बताया सड़क के अभाव में गांव से पलायन हो रहा था. मरीजों और गर्भवती महिलाओं को डोली के सहारे चार किलोमीटर खड़ी चढ़ाई पार कर सड़क तक लाना पड़ता था. इसके अलावा किसान अपने कृषि उत्पादों को बाजार तक नहीं ला पाते थे. हरमिनो को हर रोज समस्याओं सामना करना पड़ता था.