देहरादून। विद्यालयी शिक्षा विभाग, शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षको और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की तैयारी में है। इसके लिए डीजी विद्यालयी शिक्षा की ओर से एक पत्र जारी जारी किया गया है।
पत्र के मुताबिक जिलों से एक सप्ताह में ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों का चिन्हीकरण करने का निदेश दिया गया जो शिक्षक शारीरिक या मानसिक तौर पर अस्वस्थ है। ताकि ऐसे शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृति की कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
पत्र के मुताबिक शारीरिक या मानसिक तौर पर ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों के कारण पठन-पाठन का कार्य तो प्रभावित हो साथ ही इनकी ओर से शासन और विभाग पर स्थानान्तरण का दबाव भी बनाया जा रहा है। डीजी विद्यालयी शिक्षा की ओर से जारी पत्र के मुताबिक इससे शिक्षा मंत्री भी खासे नाराज है। और शिक्षा मंत्री की ओर से ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए अनिवार्य सेवानिवृति की कार्रवाई अमल में लाने के निदेश दिए हैं। पत्र में सम्बद्ध शासनादेश का हवाला भी दिया गया है।
Also Read
- उत्तराखंड में चार दिवसीय विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का भव्य आगाज, 54 देशों के विशेषज्ञ जुटे, 600 शोध पत्रों के साथ आयुर्वेद चिकित्सा पर मंथन
- उत्तराखंड में भू-कानून होंगे और सख्त, नियमों से खिलवाड़ अब नहीं होगा आसान, निवेशकों को भी मिलेगा संरक्षण
- उत्तराखंड में शिक्षा क्रांति: सरकार भरने जा रही 5000 शिक्षकों के पद, बच्चों को मिलेगा डिजिटल हेल्थ कार्ड
- उत्तराखंड में साइबर अटैक के बाद बड़ा कदम: सचिवालय में डिजास्टर रिकवरी साइट शुरू, डेटा सुरक्षा को मिला नया आयाम
- वानर से नर तक की अद्भुत यात्रा: अल्मोड़ा की ल्वेथाप गुफाओं में छिपा प्राचीन इतिहास
जारी पत्र के मुताबिक अनिवार्य सेवानिवृत्ति हेतु शिक्षक-कर्मचारियों का चयन कर तीन दिन के अन्दर प्रत्येक जनपद से आख्या उपलब्ध कराने के सख्त निर्देश जारी किया गया है।