उत्तराखंड की एसटीएफ टीम ने झारखंड से ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने देहरादून निवासी के साथ 32.31 लाख की ठगी की थी.
CBI अधिकारी बताकर की थी ठगी
एसटीएफ की टीम ने झारखंड से ‘डिजिटल अरेस्ट’ स्कैम के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच (CBI) का अधिकारी बताकर देहरादून निवासी पीड़ित से 32.31 लाख की ठगी की थी. ठगों ने पीड़ित को वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी वारंट दिखाकर धमकाया और 24 घंटे तक कॉल पर रखकर बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए थे.
STF ने की जागरूक रहने की अपील
ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने पुलिस को मामले की तहरीर दी. तहरीर मिलने के बाद से ही पुलिस आरोपी की तलाश में थी. STF ने आमजनमानस से अपील की है कि कोई भी सरकारी एजेंसी व्हाट्सएप पर गिरफ्तारी नोटिस नहीं भेजती, ऐसी ठगी का शिकार न हों और तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें.
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‘Digital Arrest’ Scam क्या होता है?
इस स्कैम में साइबर अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी (जैसे पुलिस, CBI या प्रवर्तन निदेशालय) बताकर पीड़ित को कॉल करते हैं. वे झूठा दावा करते हैं कि उसका नाम किसी अपराध (जैसे मनी लॉन्ड्रिंग या साइबर क्राइम) में जुड़ा हुआ है. फिर वे पीड़ित को डराने के लिए नकली डिजिटल गिरफ्तारी वारंट या वीडियो कॉल पर नकली अधिकारी दिखाते हैं. फिर, वे जुर्माने या मामला निपटाने के नाम पर पीड़ित से ऑनलाइन पेमेंट करवाते हैं या बैंक डिटेल मांगते हैं। कुछ मामलों में, वे किसी ऐप को इंस्टॉल करने को कहते हैं जिससे वे डिवाइस को रिमोट एक्सेस कर सकें.
‘Digital Arrest’ स्कैम से कैसे बचें?
- किसी भी अनजान कॉल पर विश्वास न करें.
- किसी को भी बैंक डिटेल या OTP न दें.
- अगर कोई आपको धमकाकर पैसे मांग रहा है, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल में शिकायत करें.