राजधानी से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. प्रेमनगर थाना क्षेत्र में बीती देर शाम एक निजी कॉलेज के छात्र ने खुद को गोली मार ली. घायल छात्र को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. इस घटना ने न सिर्फ शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि देहरादून पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी उंगली उठाई है.
झारखंड निवासी छात्र ने देहरादून में किया आत्महत्या का प्रयास
जानकारी के मुताबिक, घायल छात्र की पहचान शशि शेखर (20) के रूप में हुई है, जो झारखंड का रहने वाला है और देहरादून के प्रेमनगर स्थित एक निजी कॉलेज में बीएससी एग्रीकल्चर सेकंड ईयर का छात्र है. बताया जा रहा है कि शशि अपने दो दोस्तों के साथ किराए के कमरे में रहता था. बुधवार देर शाम उसने खुद के सिर में पिस्तौल से गोली मार ली. घटना के वक्त छात्र कमरे में अकेला था.
कमरे में छात्र के पास हथियार कहां से आया?
गोली चलने की आवाज सुनकर आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को घटना सूचना दी. घायल शशि को आनन-फानन में दून अस्पताल में भर्ती कराया गया. युवक की हालत गंभीर बताई जा रहा है. पूरे मामले में अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि शशि के पास पिस्तौल कहां से आई. पुलिस मामले की जांच में जुटी है और आत्महत्या के कारणों की तलाश कर रही है.
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पहले भी मिल चुके हैं बाहरी छात्रों के पास हथियार
बता दें यह कोई पहली घटना नहीं है जब देहरादून में बाहरी राज्यों से आए छात्रों के पास हथियार मिलने की बात सामने आई हो. निजी हॉस्टल, पीजी और किराए के कमरों में रहने वाले कई छात्रों की गतिविधियां पहले भी विवादों में रही हैं. चेन स्नेचिंग, गुटबाज़ी, और हथियार लहराने जैसे मामलों में कई छात्र पूर्व में पकड़े भी जा चुके हैं. बावजूद इसके पुलिस ने आज तक किसी भी कॉलेज हॉस्टल, पीजी या निजी छात्रावासों में बड़ा तलाशी अभियान नहीं चलाया.
कब तलाशी अभियान चलाएगी पुलिस ?
दून पुलिस की यह लापरवाही एक बड़े खतरे को न्योता देने जैसा है. 16 अप्रैल की इस घटना के बाद साफ है कि छात्रों के बीच असलहों की पहुंच बेहद आसान होती जा रही है. पुलिस के लिए अब वक्त आ गया है कि वह प्राइवेट हॉस्टलों और पीजी में रहने वाले छात्रों की सघन तलाशी अभियान शुरू करे, ताकि भविष्य में किसी बड़े हादसे को टाला जा सके.