देहरादून। देहरादून के लाडपुर से छः नम्बर पुलिया को जाने वाली रिंग रोड पर फैले कूड़े के ढेरों से फैलती बदबू ने राहगीरों का चलना दुश्वार कर दिया है। यही हाल लाडपुर से रायपुर की ओर जाने वाली सड़क का भी है। ये इलाका वन क्षेत्र में है जहां सड़क के दोनो तरफ साल के जंगल है। रिंग रोड पर अपर गढ़वाली कालोनी से सटे जंगल से लगती सड़क का भी यही हाल है। लाडपुर से रायपुर और रिंग रोड पर सड़क के दोनों तरफ फैलती गंदगी के अंबार ने इस सुनहरी सड़क की शोभा को बदहाली में बदल दिया है। इस क्षेत्र में फैलती गंदगी ने पर्यावरण का भी नाश कर दिया है।
पूरा देश स्वच्छता पखवाड़ा मना रहा है। स्वयंसेवी संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता लोगों को जागरूक करने में जुटे हुए हैं। नगर निकायों और पंचायती राज संगठनों को कूड़ा प्रबंधन की जिम्मेदारी तय है। इसके लिए कायदे कानून भी बनाये गये हैं। गंदगी फैलाने वालों के लिए जुर्माने का भी प्रावधान है। लेकिन इस सब के बावजूद इसका जमीनी असर नहीं दिखाई दे रहा है। लाडपुर का जंगल गंदगी की चपेट में आता जा रहा है।
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देहरादून शहर स्मार्ट हो गया है, लेकिन कूड़ा प्रबंधन के मामले में यहां के शहरवासी अभी तक स्मार्ट नहीं बन पाये हैं। यहां से गुजरने वाले लोगों ने इस रोड को कूड़ा घर मान लिया है। सुबह नौकरी को जाते तमाम लोगों को यहां कूड़ा फेंकते हुए देखा जा सकता है। शाम को तन्हाई की तलाश में यहां पहुंचे लोग सड़क के किनारे दो-दो पैग लगाने के बाद कूड़ा यहीं फेंक कर चले जाते हैं। और तो और सुबह के समय ताजी हवा के लिए सैर पर निकले कुछ लोग भी यहां कूड़ा फेंकते नजर आ जायेंगे।
ये इलाका नगर निगम क्षेत्र के साथ-साथ वन क्षेत्र में भी पड़ता है। दोनों ही विभागों की जिम्मेदारी बनती है इस इलाके में कूड़ा ना फैले। इसके लिए जिम्मेदारों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जानी चाहिए। और कुछ नहीं कर सकते हैं तो स्वच्छता के इस पखवाड़ा में इस इलाके में ‘कूड़ा ना फेंकने के बोर्ड’ तो लगा ही सकते हैं।