उत्तराखंड में जल्द लागू होगा भू कानून: गैरसैंण के सारकोट में CM धामी ने की बड़ी घोषणाएं

चमोली: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैंण के सारकोट गांव में ग्रामीणों के साथ संवाद करते हुए उत्तराखंड के विकास और संरक्षण के लिए जल्द भू कानून लागू करने की बात कही। दो दिवसीय दौरे के दौरान सीएम ने स्थानीय विकास को गति देने और पलायन रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।

गांव में हुआ भव्य स्वागत, कोट भैरव मंदिर में की पूजा

सारकोट पहुंचने पर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। सीएम धामी ने कोट भैरव मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश और देश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने शहीद वासुदेव सिंह के घर जाकर उनके परिजनों से भी मुलाकात की और शहीद की स्मृति में भराड़ीसैंण-सारकोट सड़क का नामकरण करने की घोषणा की।

Read More

महिला मंगल दल को दी आर्थिक सहायता

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सारकोट महिला मंगल दल को सांस्कृतिक सामग्री और अन्य उपकरणों की खरीदारी के लिए एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया।

भू कानून और पलायन रोकने पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भू कानून लागू कर स्थानीय निवासियों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार गांवों को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।

युवाओं को रोजगार और नकल विरोधी कानून की सराहना

सीएम धामी ने कहा कि नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद 100 से अधिक नकल माफियाओं को जेल में डाला गया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि अब तक 18,500 से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में रोजगार मिला है।

बदरीनाथ और अन्य विकास परियोजनाओं पर जोर

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बदरीनाथ धाम का दिव्य और भव्य विकास किया जा रहा है। गौचर और चौखुटिया में हवाई पट्टियों के निर्माण पर भी सरकार काम कर रही है, जिससे राज्य के परिवहन को और सुगम बनाया जा सके।

अन्य घोषणाएं

मुख्यमंत्री ने सारकोट को आदर्श ग्राम बनाने, भराड़ीसैंण-सारकोट सड़क का डामरीकरण और स्थानीय उत्पादों की पैकेजिंग के लिए महिला समूहों को मशीनें उपलब्ध कराने की घोषणाएं कीं। कोट भैरव मंदिर के सौंदर्यीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए भी विशेष योजना बनाई जाएगी।

झुमैलो नृत्य में सीएम ने लिया भाग

कार्यक्रम का समापन झुमैलो नृत्य के साथ हुआ, जहां सीएम धामी ने भी प्रतिभाग कर स्थानीय संस्कृति के प्रति अपनी सहभागिता दिखाई।

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *