देहरादून। Uttarakhand New Housing Policy: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के निवासियों को आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में नई आवास नीति को मंजूरी दी गई। इसके तहत कमजोर आय वर्ग की वार्षिक आय सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है।
नई नीति के मुख्य बिंदु
- कमजोर वर्ग को राहत:
- कमजोर आय वर्ग के लाभार्थियों को बाखली शैली की परियोजनाओं में ₹5.25 लाख तक का अनुदान मिलेगा।
- अन्य परियोजनाओं में यह अनुदान केंद्र और राज्य सरकार मिलाकर ₹4 लाख होगा।
- आय सीमा का विस्तार:
- पहली बार निम्न और निम्न-मध्यम वर्ग के साथ सामान्य वर्ग के लिए भी वार्षिक आय सीमा निर्धारित की गई है।
- बाखली शैली को प्राथमिकता:
- पर्वतीय क्षेत्रों में पारंपरिक बाखली शैली को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
- विकासकर्ताओं को प्रोत्साहन:
- भू उपयोग परिवर्तन और अन्य शुल्क में छूट।
- पर्वतीय क्षेत्रों में न्यूनतम 2 हेक्टेयर और मैदानी क्षेत्रों में 10 हेक्टेयर भूमि पर आवासीय परियोजनाएं शुरू करने की अनुमति।
- स्मार्ट प्रोजेक्ट्स पर जोर:
- तीन मंजिला या अधिक ऊंची परियोजनाओं में लिफ्ट अनिवार्य होगी।
- शहरों के कोर जोन का दबाव कम करने के लिए बाहरी क्षेत्रों में आवासीय परियोजनाओं को बढ़ावा।
ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन
सरकार ने एक और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए उत्तराखंड ट्रांसजेंडर पर्सन्स कल्याण बोर्ड के गठन को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा और उनकी समस्याओं का समाधान करना है।
22 महत्वपूर्ण प्रस्ताव स्वीकृत
बैठक के बाद सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली ने बताया कि आवास विभाग की नई नीति के तहत किफायती आवास के लिए चार मॉडल तय किए गए हैं। इन मॉडलों में लाभार्थियों और विकासकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
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