उत्तरकाशी में शीतकाल ने रोका विकास, पर्यटन को नई ऊंचाई देने वाले दो मेगा प्रोजेक्ट ठप

उत्तरकाशी:

उत्तरकाशी में पर्यटन को बढ़ावा देने वाले दो बड़े प्रोजेक्ट शीतकाल के कारण ठप हो गए हैं। जादूंग गांव में 3.65 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे होमस्टे और गंगोत्री धाम के पास लंका में निर्माणाधीन देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का काम कड़ाके की ठंड के चलते आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

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होमस्टे निर्माण पर ठंड का असर

जादूंग गांव में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ब्राइवेंट विलेज योजना के तहत 6 होमस्टे बनाए जा रहे हैं। सितंबर में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में 4 होमस्टे की नींव तैयार कर ली गई है। लेकिन गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट बंद होने और सर्द मौसम के चलते काम को जून 2025 तक रोक दिया गया है।

हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र: अनोखा प्रोजेक्ट प्रभावित

देश के पहले हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र का निर्माण भी ठंड के चलते धीमा पड़ गया है। 6 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस केंद्र में कैफेटेरिया और वन विभाग की सुविधाएं भी शामिल हैं। गंगोत्री धाम से लंका तक ठंड इतनी कड़ी है कि श्रमिक दिन में केवल कुछ घंटों के लिए काम कर पाते हैं।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

ये दोनों प्रोजेक्ट उत्तरकाशी में पर्यटन को नया आयाम देंगे। होमस्टे से जहां पर्यटक सीमावर्ती जाड़ समुदाय की संस्कृति और खान-पान से रूबरू होंगे, वहीं हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र से गंगोत्री नेशनल पार्क के प्राकृतिक वास स्थल को समझने का मौका मिलेगा।

अधिकारियों का बयान

  • “हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र के लिए पत्थर कटिंग का काम हिना के पास शुरू कराने की योजना है।” – डीएस बागड़ी, ईई ग्रामीण निर्माण विभाग।
  • “जादूंग में होमस्टे का निर्माण कार्य अब जून 2025 में फिर शुरू होगा।” – डीएस राणा, सहायक अभियंता जीएमवीएन।

2025 तक का इंतजार

दोनों प्रोजेक्ट के पूरे होने से उत्तरकाशी में पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाई मिलने की उम्मीद है। लेकिन फिलहाल, सर्दियों का मौसम इन प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।

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