बीजेपी का नया बॉस कौन ?, क्या महेंद्र भट्ट को रिपीट करेगी BJP

उत्तराखंड बीजेपी में नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की सुगबुगाहट तेज है. बहुत जल्द बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है. इस बीच नए प्रदेश अध्यक्ष के चेहरे को लेकर कयासों का दौर जारी है. सवाल ये भी है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि बीजेपी महेंद्र भट्ट को ही बतौर प्रदेश अध्यक्ष रिपीट करने जा रही है.

BJP में नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की सुगबुगाहट तेज

बीजेपी में नया प्रदेश अध्यक्ष कब बनेगा और कौन बनेगा इसे लेकर बीजेपी में सुगबुगाहट तेज है. नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है ऐसे में सवाल ये के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर किसे कमान देने जा रही है. हालांकि बीजेपी नेता इस मामले में कुछ भी स्पष्ट बोलने के लिए तैयार नहीं है. ये इस बात का भी इशारा है कि बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष कौन बनेगा इसका फैसला दिल्ली आलाकमान ही करेगा.

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प्रदेश अध्यक्ष के लिए इन नामों की हो रही चर्चा

सवाल ये भी है कि क्या मोदी और अमित शाह की जोड़ी की भी प्रदेश अध्यक्ष तय करने में अहम भूमिका होगी? उधर राज्य के बीजेपी कार्यकर्ताओं में जिन नेताओं के नामों की चर्चाएं हो रही हैं उनमें आदित्य कोठारी, ज्योति प्रसाद गैरोला, खजान दास जैसे नेताओं के नाम शामिल है. इसके साथ ही बीजेपी के विधायक विनोद चमोली के नाम की चर्चाएं भी हो रही है. हालांकि कुछ पार्टी कार्यकर्ता मानते हैं कि महेंद्र भट्ट की ही वापसी हो जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.

महेंद्र भट्ट को लेकर पार्टी के भीतर दो फाड़

दरअसल पार्टी सूत्रों के मुताबिक महेंद्र भट्ट को लेकर पार्टी के भीतर दो फाड़ वाले हालात हैं. मौजूदा वक्त में पार्टी के कई बड़े पदाधिकारी महेंद्र भट्ट की पैरवी कर रहे हैं. जबकि पार्टी का एक दमदार धड़ा महेंद्र भट्ट के कामकाज से खुश नहीं है. खासतौर पर बद्रीनाथ में मिली हार इस नाराजगी की बड़ी वजह बताई जा रही है. उधर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के चुनावों में सांसदों के गुटों का भी प्रभाव पड़ना तय है. जिस नेता के साथ अधिक सांसदों की सहमति होगी उसी की ताजपोशी होगी.

रिस्क लेने के मदद में नहीं पार्टी

अंतिम फैसला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही करना है. दरअसल 27 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिहाज से बीजेपी और खासकर सीएम धामी ये नहीं चाहेंगे कि कोई ऐसा चेहरा पार्टी अध्यक्ष के तौर पर आए जिसके साथ तालमेल बनाने में वक्त जाया हो. चूंकि 27 के रण में अब दो साल का ही समय बचा है. लिहाजा पार्टी और सरकार किसी कीमत पर रिस्क नहीं उठाना चाहेगी. ऐसे में उत्तराखंड में पार्टी अध्यक्ष के पद पर किसकी ताजपोशी हो ये तय करना बीजेपी के लिए भी आसान नहीं दिख रहा है.

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