विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया. समारोह में उत्तराखंड के विभिन्न गांवों के प्रधानों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार ने नवाजा गया.
इन गांवों ने जीता सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार
विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर इस साल उत्तरकाशी जिले का जखोल गांव को साहसिक पर्यटन के लिए चुना गया. बता दें जखोल गांव अपनी ऊंचाई, मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग रूट्स के लिए पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय हो रहा है. इसके साथ ही उत्तरकाशी जिले के ही हर्षिल गांव और पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में सम्मानित किया गया।
Also Read
- उत्तराखंड में चार दिवसीय विश्व आयुर्वेद कांग्रेस का भव्य आगाज, 54 देशों के विशेषज्ञ जुटे, 600 शोध पत्रों के साथ आयुर्वेद चिकित्सा पर मंथन
- देहरादून में कल से शुरू होगा विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो, 6500 से अधिक डेलीगेट्स होंगे शामिल
- उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड का प्रकोप, पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ी सर्दी; शीतलहर की चेतावनी
- PM मोदी 28 जनवरी को उत्तराखंड में करेंगे 38वें राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ, खेल विश्वविद्यालय की नींव भी रखेंगे
- गंगा की तेज़ धाराओं ने ली एक और ज़िंदगी: नीम बीच पर डूबे युवक का शव लक्ष्मण झूला के पास बरामद
वहीं बागेश्वर जिले के सूपी गांव को कृषि पर्यटन के लिए पुरस्कृत किया गया है. सूपी गांव के स्थानीय लोग पारंपरिक कृषि पद्धतियों के साथ-साथ समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में लगे हुए हैं. कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के तहत पर्यटकों को ग्रामीण जीवन और खेती से जोड़ा जा रहा है, जिससे न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान हो रहा है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है.
पर्यटन मंत्रालय की ओर से हर साल आयोजित होती है प्रतियोगिता
पर्यटन मंत्रालय द्वारा हर साल आयोजित की जाने वाली सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता का उद्देश्य संस्कृति और प्राकृतिक संपदा का संरक्षण, समुदाय आधारित मूल्यों को बढ़ावा देना और आर्थिक व सामाजिक स्थिरता को सुनिश्चित करना है. इस साल उत्तराखंड के चार ग्रामों को उनके उत्कृष्टता के लिए चयनित किया गया जो राज्य की समृद्धि और पर्यटन विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.